Wednesday, 23 January 2013

यह है सील तोड़ने का मज़ा


****यह है सील तोड़ने का मज़ा******

 मेरा नाम अमित है, मैं 22 साल का लड़का हूँ। । यह घटना 2 साल पहले की है जब मैं 20 साल का था।
 उन दिनों मैं कॉलेज में पढ़ता था, शाम को मैं पढ़ने के लिए कोचिंग क्लास में जाया करता था। मेरी कोचिंग क्लास में एक बहुत सुन्दर लड़की भी पढ़ती थी जिसका नाम वर्षा था। वो बहुत सेक्सी थी, मेरा मन हमेशा उसे चोदने का करता था। उसके बूब्स बहुत बड़े थे और उसकी गांड बहुत मोटी।
 मैं पढ़ाई में अच्छा था तो एक दिन वर्षा ने मेरे से नोट्स मांगे।
 वर्षा- क्या तुम्हारे पासअभी नोट्स हैं?
 मैं- नहीं, यहाँ पर नहीं, घरपर हैं।
 वर्षा- क्या तुम कल मेरे लिए वो ला सकते हो?
 मैं- कल क्यों? आज कोचिंग के बाद तुम मेरे घर चलना में तुम्हें आज ही नोट्स दे दूँगा।
 वर्षा- ठीक है।
 कोचिंग खत्म होने के बाद वो मेरे साथ मेरे घर चलने लगी।
 घर पहुंचने के बाद मैंने देखा कि घर पर कोई नहीं था और चाबी पड़ोस के घर में थी। मैंने पड़ोस में से चाबी लेकर दरवाज़ा खोला और उसे अंदर बुलाया।
 वो अंदर आ गई। फिर मैंने उसे नोट्स दिए।
 उसने कहा- मैं अब जाती हूँ।
 मैं- अरे, अभी मत जाओ, मैं तुम्हारे लिए कोल्डड्रिंक ले कर आता हूँ।
 मैं कोल्डड्रिंक लेकर आया। फिर हमने कोल्डड्रिंक पी और मैंने टीवी चालू कर दिया।
 टीवी में लड़का-लड़की किस कर रहे थे।
 मैंने उससे पूछा- क्या तुमने कभी किसी लड़के को किस किया है?
 वर्षा- नहीं, अभी नहीं किया
 मैं- तुम कितने साल की हो?
 वर्षा- 19 साल की।
 मैं- क्या तुमने कभी बी.एफ देखी है?
 वर्षा- हाँ मैंने देखी हैं।
 मैं -क्या अब भी देखना चाहती हो?
 वर्षा- क्या? यहाँ पर?
 मैं- हाँ।
 वर्षा- ठीक है।
 मैंने मोबाइल निकाला और बी.एफ चालू की। उसमें एक लड़का एक लड़की को बहुत जोर जोर से चोद रहा था। यह देखकर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया और मेरी जीन्स के ऊपर टेंट सी शेप आ गई।
 वर्षा भी गर्म हो रही थी, मैंने मौके का फायदा उठाकर उसके पैर पर हाथ फेरा, बोला- क्या तुम यह सब करना चाहती हो?
 वर्षा- नहीं।
 मैं- क्यों?
 वर्षा- इसमें बहुत दर्द होता है।
 मैं- नहीं, शुरू में थोड़ा सा दर्द होता है पर बाद में बहुत मज़ा आता है। क्यामैं तुम्हारे साथ यह करूँ?
 वर्षा- नहीं दर्द होगा।
 मैं- नहीं, तुम्हें बाद में बहुत मज़ा आएगा।
 वर्षा- ठीक है।
 इतना सुनते ही मैंने उसे किस करना चालू कर दिया, मैं उसके होंठों को चूमने-चाटने लगा।
 वो गरम हो चुकी थी। फिर मैंने उसके बूब्स दबाने भी चालू कर दिए।
 फिर मैंने उसके कपड़े उतारने चालू कर दिए...वो मेरे सामने बस ब्रा और पेंटी में खड़ी थी...
 क्या लग रही थी वो ! मन कर रहा था इसकी चूत यहीं फाड़ दूँ।
 मैंने उसकी ब्रा उतार कर फेंक दी और उसे सोफे पर लिटा दिया और जोर जोर से उसके बूब्स चाटने लगा।
 काफी देर उसके बूब्स चाटने के बाद मैंने उसकी पेंटी उतार दी। उसकी चूत देख कर मैं पागल हो रहा था। उसकी चूत का रंग गुलाबी था।
 मैंने देर न करते हुए उसकीचूत चटनी चालू कर दी, मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा।
 वर्षा के मुँह से आह...आहा... की आवाज़ आने लगी।
 फिर मैंने अपना 7' लंबा लौड़ा निकाला और उसे मुँह में लेने के लिए कहा- इसे मुँह में लो !
 वर्षा- नहीं।
 मैं- इसे मुँह में लो, तुम्हें मज़ा आएगा।
 फिर मेरे जिद करने पर उसनेमेरा लौड़ा चूसना शुरू कर दिया।
 मैं जोर जोर से उसके मुँह को चोदने लगा...थोड़ी देर उसके मुँह को चोदने के बादमैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी और हिलाने लगा।
 वो आह..आहा...आह. की आवाजें निकालने लगी। फिर मैं एक हाथ से उसके बूब्स दबाता रहा और दूसरे हाथ की उंगलीउसकी चूत में देता रहा।
 थोड़ी देर बाद मैंने अपने लौड़े से उसकी चूत रगड़नी चालू कर दी...
 फिर में उसकी चूत में लौड़ाडालने ही वाला था कि वो बोली- अमित धीरे से डालना !
 मैं- तुम चिंता मत करो...
 उसकी चूत का छेद बहुत छोटाथा और मेरा लौड़ा बहुत बड़ा और मोटा था इसलिये वो घबरागई थी।
 मैंने उसकी चूत पर अपना लौड़ा रखा और जोर से झटका मारा तो मेरा थोड़ा सा लौड़ाउसकी चूत में घुस गया। इतने में ही वर्षा की आँखों में से आँसू निकलने लगे और वो जोर जोर से चिलाने लगी- अहह....अह्ह्ह्ह्ह्ह....जल्दी बहार निकालो !!!!
 मैं- कुछ नहीं होगा मेरी जान ! अभी तुम्हें मज़ा आएगा।
 यह कहकर मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए और उन्हें चूमने लगा।
 फिर मैंने एक और झटका मारातो मेरा आधे से ज्यादा लौड़ा उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया और वर्षाको बहुत दर्द हो रहा था और वो चिल्लाना चाहती थी पर मेरे होंठ उसके होंठों को चूम रहे थे इसलिये वो चिल्ला नहीं पाई।
 फिर मैंने एक और झटका मारातो मेरा पूरा लौड़ा उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर चलागया और फिर मैं उसे अंदर-बाहर करने लगा और जोर जोर से वर्षा को चोदनेलगा।
 उसकी चूत की सील टूट चुकी थी और मेरे लौड़ा पूरा खून से लथपथ था।
 थोड़ी देर चोदने के बाद उसेमज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी- अमित और जोर से चोदो मुझे... फाड़ दो मेरीचूत की गलियों को !
 बस यह सुनते ही में कुत्तेकी तरह पागल हो गया और उसकी चूत में जहाँ तक अपनालौड़ा बाड़ सकता था वहाँ तक बाड़ दिया।
 फिर मैंने उसे पीछे से चोदना चालू किया....
 वो खूब मज़े ले रही थी- और जोर से... दिखा दो आज अपनी ताकत...आह्ह...अहह.
 करीब 10 मिनट तक चोदने के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ...
 मैं- वर्षा मेरा मुठ निकलने वाला है...
 वर्षा- मेरी चूत में ही निकाल दो...
 मैं- नहीं, यह रिस्की हो सकता है... मैं तुम्हारे मुँह में निकालूँगा, तुम उसे पी लेना।
 2 मिनट बाद मैं खड़ा हुआ और उसे अपने लौड़े के नीचे बिठा कर उसके मुँह में सारा मुठ झाड़ दिया और वो सारा पी गई।
 फिर हम दोनों बाथरूम में गए और हमने अपने आपको साफ़ किया, फिर हमने अपने अपने कपड़े पहन लिए।
 उस दिन के बाद से मैंने उसे 6-7 बार और चोदा।
 उसके बाद वो शहर छोड़ कर चली गई।

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