Tuesday 1 January 2013

मस्ती भरी रात


मस्ती भरी रात
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 एक दिन अचानक मेरे कॉलेज के दोस्त का फोन आया। चूँकि कॉलेज में हम अच्छे दोस्त थे, कॉलेज खत्म होने के बाद हमारा सम्पर्क सिर्फ़ फोन पर रहा, उसने कहा कि उसकी शादी तय हो गई है और इसी महीने की 29 तारीख को है, इसलिये मुझे 3-4 दिन पहले ही वहाँ आना होगा क्योंकि शादी में काम कुछ ज्यादा ही होता है।अच्छी दोस्ती के चलते मैं उसे न कहा न सका, मैंने अपने ऑफ़िस से 7 दिन की छुट्टी ले ली। फ़िर मैं 26 तारीख को सुबह उसके घर पहुँचा। जब मैंने बेल बजाई तो कुछ देर बाद उसकी छोटी बहन ने दरवाजा खोला, वो मुझे जानती थी लेकिन जब मैंने उसे देखा तो देखता रह गया क्योंकि जब मैंने उसे देखा था तो बच्ची सी लगती थी, लेकिन अब उसे देख कर मैं हक्का बक्का रह गया।जब मैंने उससे पूछा- रिंकी, तुम?उसका नाम रिंकी था।वो बोली- हाँ पहचान लिया क्या?मैंने कहा- कि तुम कितनी बड़ी हो गई हो !उसने कहा- सारी बातें यहीं करेंगे या घर में अन्दर भी आयेंगे?हम घर में आ गये, मैंने अपने दोस्त राजीव के बारे में पूछा तो वो बोली- बस बाज़ार गये हैं आते ही होंगे। उनके घर में राजीव, रिंकी और उनकी माँ ही थी।उसने कहा- अब आप फ़्रेश हो जाईये, मैं आप के लिये नाश्ता बना देती हूँ।मैं बाथरूम में चला गया लेकिन मेरे आंखों में रिंकी का बदन घूम रहा था, उसके वक्ष का आकार 34 होगा। उसकी फ़ीगर देख कर मेरा मन उसे चोदने का करने लगा, लेकिन दोस्त की बहन थी इसलिये मन को मार कर बाथरूम में मुठ मार कर रह गया।थोड़ी देर में उसका भाई भी आ गया, हमने साथ में नाश्ता किया और फ़िर काम में लग गये। इसी बीच में मेरा हाथ 2-3 बार रिंकी को छुआ तो मैंने सॉरी कह दिया।तो उसने कहा- इसमें सॉरी की क्या बात है !लेकिन मुझे ऐसा लगा कि फूल की पंखुड़ी का स्पर्श हुआ, मेरा मन विचलित होने लगा। फ़िर मैंने जानबूझकर एक-दो बार उसके वक्ष को छुआ तो उसने अनदेखा कर दिया। लेकिन मेरा मन तो उसे चोदने को कर रहा था।फ़िर शादी के एक दिन पहले जब राजीव को मेंहदी लग रही थी तब मैं वहीं था, मैंने देखा कि रिंकी वहाँ नहीं है।मैं उसके कमरे की तरफ़ गया तो वो कपड़े बदल रही थी और दरवाजा खुला हुआ था। वो ब्रा पहन रही थी मैं दरवाजे पर ही रुक कर देखने लगा, वो काली ब्रा पहन रही थी। उसका बदन देख कर मेरा लंड जिसकी लम्बाई करीब 8″ और 3″ मोटा है, एकदम खड़ा हो गया, जब वो ड्रेस पहनकर आने लगी तो मुझे देख कर बोली- आप कब आये?मैंने झूठ बोल दिया- बस अभी अभी आया हूँ।लेकिन मुझे ऐसा लगा कि उसने शीशे में मुझे देख लिया था। फ़िर वो मुस्कराते हुए चली गई, फ़िर मैंने हिम्मत कर सोचा कि अब इसे मैं चोदकर ही रहूँगा।फ़िर मैं भी राजीव के पास चला गया, वहीं रिंकी के बगल में जाकर बैठ गया और उसके हाथों सहलाने लगा। पहले तो उसने हाथ हटा लिया लेकिन फ़िर थोड़ी देर बाद शायद उसे भी अच्छा लगने लगा।धीरे धीरे रात गहराने लगी, सब सोने जा रहे थे लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी इसलिये मैंने रिंकी से रुकने को कहा तो वह मान गई। हम बात करने लगे, हँसी-मज़ाक में मैंने उसके गालों को छुआ तो इतने कोमल थे कि बता नहीं सकता।अचानक उसने कहा- एक बात पूछूँ आप सच बतायेंगे?मैंने कहा- पूछो !उसने कहा- आप जब मेरे कमरे में आये थे तब मैंने आप को देख लिया था तो आपने मुझसे झूठ क्यों कहा?एक बार तो मैं सकपका गया, फ़िर कहा- उस वक्त तुम जिस हाल में थी कि मैं बता नहीं सकता था इसलिये मैंने झूठ कहा।फ़िर मैंने कहा- तुम बहुत ही खूबसूरत हो !तो वो शरमा गई।फ़िर मैंने हिम्मत कर उसके होंठों को छुआ तो वह कांप गई, वो बोली- क्या कर रहे हैं?फ़िर मैंने कहा- कुछ नहीं बस यूं ही तुम्हारे होंठों चूमने का मन कर रहा है।वो कुछ नहीं बोली तो मैं समझ गया कि काम बन रहा है।मैंने फ़िर उसके होंठों को चूम लिया, उसके होंठों में इतना रस था कि मैं उसे चूसता रहा। फ़िर उसने अपने से अलग करते हुए कहा- कोई आ जायेगा !लेकिन मेरा मन तो उसे चोदने को कर रहा था। लेकिन एक बात अच्छी थी कि मेरा कमरा उसके कमरे से सट कर था। मैंने कहा- सोते समय कमरे का दरवाजा खोलकर रखना।वो मान गई।मैं रात करीब एक बजे उसके कमरे में गया तो उसने नाइट ड्रेस पहन रखी थी, उसमें तो और सेक्सी लग रही थी। मैंने कमरे को अन्दर से बन्द कर लिया और उसको चूमने लगा।उसे लेकर बिस्तर पर गिरा दिया और उसकी ड्रेस खोलने लगा तो वो बोली- यह कर रहे हैं?मैंने उसे कहा- जरा रुको न ! अभी बताता हूँ।लेकिन वो सब जानती थी कि आज उसकी चुदाई होने वाली है, साली जितनी भोली दिखती है उतनी सयानी है। लड़कियाँ सब जानती हैं पता नहीं लड़कों को क्या समझती हैं, जब मैंने उसकी नाइटी उतारी तो उसके वक्ष पर काली ब्रा चमक रही थी।मैं ब्रा के ऊपर से उसके चूचे दबाने लगा तो उसने कहा- धीरे ! दर्द हो रहा है।जब मैंने उसकी ब्रा उतारी तो उसके स्तन इतने सुन्दर लग रहे थे कि मन कर रहा था कि खा जाऊँ।फ़िर धीरे धीरे उसके चूचों को सहलाने लगा। एक हाथ से उसके चूचे दबा रहा था तो दूसरे हाथ से उसकी चूत।उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे। फ़िर मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी, अब वो बिल्कुल नंगी थी लेकिन इस बीच वो शायद झड़ चुकी थी, उसकी चूत से हल्का हल्का पानी निकल रहा था। फ़िर मैंने भी अपने कपड़े उतार दिये और जब मेरा लंड बाहर आया जो कि पैंट में खड़ा छटपटा रहा था, एकदम लाल हो चुका था। मेरे लंड को देख कर रिंकी ने आँख बंद कर ली।अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और अब मैं उसकी चूत के होंठों को चौड़ा कर उसकी चूत को चूस रहा था। उसकी चूत एकदम कसी थी जो कि बिल्कुल कुंवारी लग रही थी।जब मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाली तो उसके मुँह से आआआअ….हाआअ माआ आ..निकल गया।मैं समझ गया कि माल ताज़ा है सम्भाल कर खाना होगा। फ़िर मैं उसे जोश में लाने लगा, मैंने उसको अपना लंड दिया कि मुँह में ले लेकिन नहीं ले रही थी। लेकिन जब मैंने जोर डाला तो उसने अपने होठों में लिया और निकाल दिया।मैंने ज्यादा जोर नहीं दिया कि कहीं काम बिगड़ न जाये।वो गर्म हो रही थी, फ़िर मैंने उससे कहा- तेल या क्रीम है तो लाना।वो तेल ले आई। थोड़ा सा तेल मैंने अपने लंड पर लगाया और उसके चूत में लगाया।फ़िर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के मुँह में रखा तो वह उठ बैठी और बोली- प्लीज़ धीरे करना, दर्द होगा।मैंने कहा- कोई बात नहीं, डरो मर !मैं उसे चूमने लगा और उसी बीच में अपना लंड से उसके चूत में धक्का मारा तो वो चीख पड़ी मा…उई….माँ…मर गईईई….लेकिन उसकी चीख मेरे होंठों से दबी रही। मेरा लंड अभी दो इंच ही घुसा था। मैं उसकी चूची को सहलाने लगा और उसके होंठों को चूमता रहा। जब उसका दर्द कम हुआ तो अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा।अब रिंकी भी मेरा साथ देने लगी, उसी दौरान मैंने एक और झटका मारा तो वो दर्द से सिहर उठी और मर गईइ रे मार डाला रे ! उई ! बोलने लगी और मैं उसी तरह रुका रहा और फ़िर उसके होंठों को चूसता रहा।थोड़ी देर बाद रिंकी ने कहा- मुझे नहीं पता था कि तुम्हारा लंड इतना बड़ा है, मैं तो एकदम मर गई, बहुत दर्द हो रहा है।मैंने कहा- मेरी रानी, अभी तो दर्द हो रहा है, कुछ देर में तो तुम्हें मुझसे ज्यादा मज़ा आयेगा।और मैं अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा और रिंकी भी जोश में आ कर अपनी कमर तो उठाने लगी, उसे भी मज़ा आने लगा और मैं समझ गया कि अब इसे जवानी का मज़ा आ रहा है।वो बोली- मेरे राजा, अब तुम अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दो, मैं तैयार हूँ।मैंने एक जोर का झटका मारा कि वो दर्द के मारे चीख उठी और मैं उसे यूं ही चोदता रहा।मैंने देखा कि उसकी चूत से खून निकल रहा है। मैं जानता था कि इसकी यह पहली चुदाई है, इसलिये यह तो होना ही था।मैं उसे चोदता रहा, इसी बीच वो झड़ चुकी थी और उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी जिससे मेरा लंड आराम से अन्दर-बाहर हो रहा था और अब उसका दर्द भी कम हो गया था। हम दोनों जवानी का असली मज़ा ले रहे थे।थोड़ी देर में मैं भी झड़ने वाला था, इतने में वो बोली- और जोर से चोदो मेरे राजा !और मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा और वो फ़िर झड़ गई और थोड़ी देर में मैं भी झड़ गया। मेरी इतनी हिम्मत नही थी कि मैं अपना लंड निकाल कर बाहर झड़ जाऊँ !मैं उसके ऊपर उसके होंठों को चूसते हुए उसकी चूत में झड़ गया और इस तरह मैंने उसे उस रात दो बार चोदा ।।

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